दिल्ली स्थित स्थित लाल किला परिसर में आयोजित “भारत पर्व” के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य के हस्तशिल्प लोक संस्कृति एवं खान-पान को प्रदर्शित किया गया है। इसके अतिरिक्त उत्तराखण्ड राज्य की झांकी थीम “विकसित उत्तराखण्ड” को समारोह स्थल में प्रदर्शित किया किया गया है।
इस महोत्सव में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी “विकसित उत्तराखण्ड” आगंतुकों के बीच मुख्य आकर्षण का केन्द्र रही। “विकसित उत्तराखण्ड” झांकी के अग्र भाग में उत्तराखण्ड की महिला को पारम्परिक वेशभूषा में स्वागत करते हुए दिखाया गया है और पारम्परिक व्यंजन मंडुवा, झंगोरा, रामदाना व कौणी की खेती एवं राज्य पक्षी मोनाल को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दिखाया गया है और इस योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है। इसके आलावा उत्तराखण्ड राज्य के पारम्परिक व्यंजनों (भटट का हलवा, नन्दा थाली, झंगोरे की खीर) को शेफ द्वारा प्रदर्शित किया गया। भारत पर्व में आये दर्शकों ने पारम्परिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया एवं दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। “भारत पर्व” में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा उत्तराखंडी सामूहिक लोकगीत एवं नन्दा राजजात, छपेली, पन्यारी, जौनसारी नृत्य का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत पर्व में हमें विभिन्न कार्यक्रमों और मंडपों के जरिए देश की संस्कृति व विरासत को जानने का मौका मिलता है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष भारत पर्व का आयोजन किया जाता है। भारत पर्व भी गणतंत्र दिवस का ही हिस्सा है, जिसका आयोजन गणतंत्र दिवस के साथ ही किया जाता है जिसका आयोजन लाल किले के समीप किया जाता है। भारत पर्व का मुख्य उद्देश्य लोगों को भारतीय संस्कृति और विरासत से रूबरू कराना होता है। इस बार भी भारत पर्व के दौरान कई पंडाल लगाए जा रहे हैं, जिनमें तरह-तरह की संस्कृतियों और कलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत पर्व आयोजन में उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद्, संस्कृति विभाग, हस्तशिल्प उद्योग विभाग द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।
इस अवसर पर सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक/झांकी के नोडल अधिकारी के0एस0 चौहान, मीडिया कोर्डिनेटर मुख्यमंत्री मदन मोहन सत्ती व जनसम्पर्क अधिकारी पर्यटन श्री कमल किशोर जोशी उपस्थित थे।