मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे त्यौहार, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े होने के साथ ही कृषि, नदियों, पहाड़ों और हमारे इतिहास से जुड़े हुए हैं। युगों-युगों से भगवान राम, भगवान कृष्ण की गाथाएं हमारे सामाजिक परिवेश में प्रेरणा एवं जागृति का स्रोत रही हैं। नवरात्रि के शुभ दिनों के बाद आज विजयादशमी के दिन रावण का पुतला दहन हमारी महान परंपरा का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भगवान राम जिस संकल्प को लेकर अयोध्या से निकलते हैं, उसी संकल्प से वे एक बड़ी सामूहिक शक्ति का निर्माण करते हैं और रावण पर उनकी जीत में समाज के हर वर्ग की भागीदारी का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण हुआ है। हम सभी जानते है कि प्रभु श्री राम का मंदिर अयोध्या में बनने को है। यह हमारा सौभाग्य है कि सैकड़ों साल के संघर्ष के बाद आज प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वहां हम भव्य मंदिर बनते हुए देख रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश में भी भगवान राम, लक्ष्मण व माता सीता से जुड़े कई स्थान है। हनुमान जी ने प्रदेश के द्रोणगिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर लक्ष्मण जी की जीवन रक्षा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश का दुनिया में मान व सम्मान बढा है। देश में जी-20 देशों का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। इस आयोजन में दुनिया ने नये भारत के सामर्थ्य तथा सांस्कृतिक वैभव को देखा। आज देश के अंदर एवं सीमाओं पर पूर्णतः शान्ति का माहौल है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि इस विजयादशमी पर प्रतिज्ञा लें कि हम 2025 तक, जब हम अपनी राज्य गठन की रजत जयन्ती मनाएंगे, अपने राज्य के लिए कुछ सकारात्मक योगदान देंगे तथा राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने का संकल्प लें। हमें प्रदेश में मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग को रोकने एवं वर्ष 2025 तक पूर्ण लक्षित “ Drug Free Devbhoomi “ बनाने का संकल्प भी लेना होगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, डॉ.धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आर. के. जैन, बन्नू बिरादरी समिति के अध्यक्ष सन्तोष नागपाल, प्रेम भाटिया, गगन सेठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।