राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने हर्षिल में आयोजित ‘वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन‘ में प्रतिभाग करते हुए जिले के सीमांत क्षेत्र के ‘वाईब्रेंट विलेज‘ के ग्रामीणों से भेंट करने के साथ ही विभिन्न मुद्दों पर विचार साझा किए।
सम्मेलन में राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी स्थानीय महिलाओं के साथ ही सीमांत क्षेत्र के आठ गांवों के निवासियों के साथ विभिन्न मामलों पर चर्चा की। राज्यपाल ने हर्षिल क्षेत्र एवं नेलांग-जादुंग के प्राकृतिक सौंदर्य को अनुपम व अद्वितीय बताते हुए इस क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं एवं सामाजिक परिवेश की प्रशंसा की। राज्यपाल ने इस क्षेत्र में खेती-बागवानी, पर्यटन तथा तीर्थाटन के क्षेत्र में विद्यमान संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हर्षिल क्षेत्र को सेब उत्पादन का सिरमौर बनाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि गंगा व यमुना के उद्गम क्षेत्र वाले उत्तरकाशी जिले में साल-दर-साल तीर्थयात्रियों का आवागमन बढ़ता जा रहा है। जिले में पर्यटन से संबंधित गतिविधियां भी बढ़ती जा रही है। प्रशासन के द्वारा 25 से अधिक नए ट्रेक रूट विकसित किए जाने की तैयारी की जा रही है। सीमांत क्षेत्र के नेलांग-जादुंग गांवों को आबाद करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए जादुंग में होम स्टे बनाने की योजना शुरू कर दी गई है। इन गांवों को इनर लाईन की पाबंदियों से मुक्त किये जाने का प्रस्ताव है। वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत इस सीमांत क्षेत्र के गांवों को संवारने का काम किया जा रहा है। ताकि इस सीमांत क्षेत्र की जीवंतता एवं समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित रखा जा सके। उन्होंने ग्रामीणों और खासकर युवाओं का आह्वान किया कि बड़े सपने देखें और उन्हें साकार करने के लिए संकल्पबद्ध हो जुट जाय। सरकार उन्हें पूरा सहयोग व समर्थन देने को तत्पर है।
राज्यपाल ने क्षेत्र की महिला समूहों के प्रयासों को सराहनीय बताते हुए कहा कि देश में अब बदलाव का नया दौर देखने को मिल रहा है। महिलाएं हर क्षेत्र में मजबूती से योगदान देकर उल्लेखनीय सफलताएं अर्जित कर रही हैं और इस प्रयासों को सरकार पूरा समर्थन व प्रोत्साहन मिल रहा है। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं के जीवन में बेहतर बदलाव लाने वाले इस दौर को अब कोई भी ताकत रोक नहीं सकती है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं सामर्थ्य और संभावनाओं से परिपूर्ण हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर राज्य की महिलाएं समाजार्थिक नजरिए से क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। राज्य के महिला समूहों का पिसा नमक दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में लोकप्रिय हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि महिला समूहों को अपने उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता, पैकिंग व वैल्यू एडिशन पर अधिक ध्यान देना होगा। ताकि बाजार की प्रतिस्पर्धा में उनके उत्पाद टिक सकें और महिलाओं को अधिकाधिक लाभ मिल सके। राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूहों को ऑनलाइन मार्केटिंग एवं डिजीटल लेन-देन में सक्षम बनने की अपेक्षा करते हुए कहा कि इससे उनके लिए नए व बेहतर अवसर पैदा होंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले के सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त किए जाने हेतु राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपने मौजूदा भ्रमण के जरिए सीमांत क्षेत्र के विकास की योजनाओं को क्रियान्वित करने हेतु नई ऊर्जा व दिशा प्रदान की है। राज्यपाल के इन प्रयासों से सीमांत क्षेत्र के दस वाइब्रंेट गांवों को संवारने में काफी मदद मिलेगी। जिलाधिकारी ने जादुंग में होमस्टे निर्माण की योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यपाल के निर्देशानुसार इस सीमांत क्षेत्र में होमस्टे की योजना से अधिकाधिक लोगों को लाभन्वित करने का प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि नेलांग-जादुंग घाटी के साथ ही समूचे हर्षिल क्षेत्र को विकसित करने तथा खेती-बागवानी व पर्यटन को बढावा देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे है। वाईब्रेंट विलेज में शामिल हर्षिल क्षेत्र के आठ गांवों को पैदल ट्रैक रूट एवं झूला पुलों से जोड़े जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है और इस क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं को बढाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सुनीता ने राज्यपाल को महिलाओं के द्वारा मल्टीग्रेन आटा के उत्पादन एवं विपणन का प्रस्तुतिकरण किया। जसपुर गांव कीे प्रभा रौतेला ने राज्यपाल को महिला समूहों के द्वारा औषधीय गुणों से भरपूर सीबकथार्न के प्रसंस्करण से जेम, जेली व चटनी आदि उत्पाद तैयार करने की जानकारी दी। धराली गांव की युवती मानसी पंवार ने क्षेत्र में पर्यटन विकास की असीम संभावनाओं का उल्लेख करते हुए नऐ ट्रैकिंग स्थलों को विकसित करने और राफ्टिंग व स्कीईग की गतिविधियों को प्रोत्साहित किए जाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, राज्यपाल के परिसहाय अमित सहाय व मेजर सुमित कुमार, मुख्य विकास अधिकारी एसएल सेमवाल, प्रभागीय वनाधिकारी डीपी बलूनी, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पाण्डेय, उप जिलाधिकारी नवाजिश खलीक, पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रशांत कुमार, जिला विकास अधिकारी रमेश चंद, मुख्य उद्यान अधिकारी डा. डीके तिवारी, कृषि अधिकारी सचिन कुमार, जिला पर्यटन अधिकारी केके जोशी, साहसिक पर्यटन अधिकारी मोहम्मद अली खान, तहसीलदार सुरेश चंद्र सेमवाल, रीनू सैनी, खंड विकास अधिकारी भंटवाड़ी अमित मंमगाई के साथ ही क्षेत्र के ग्राम प्रधान एवं अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला समाज कल्याण अधिकारी सुधीर जोशी ने किया।